पुस्तकों का प्रकाशन विवरण
- लेखकों के पत्र
- कहानी
- तीसरी बीवी
- कला बाज़ार
- दी हुई नींद
- वह हथेली
- अनचाहे दरवाज़े पर
- आवारा हवाओं के ख़िलाफ चुपचाप
- सरापता हूं
- भग्न नीड़ के आर पार
- एक अदहन हमारे अन्दर
- खुशी ठहरती है कितनी देर
- मनुष्य और मत्स्यकन्या
- बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई
- कुछ दुःख, कुछ चुप्पियां
- टिप टिप बरसा पानी
- मुझे विपुला नहीं बनना
- ज़रा सा नास्टेल्जिया
- कालजयी कहानियांः ममता कालिया
- कालजयी कहानियांः मृदुला गर्ग
11/10/2011
तो कविता की किताब आ गयी
मेरा कविता संग्रह खुशी ठहरती है कितनी देर प्रकाशित हो गया है। बोधि प्रकाशन के प्रबंधक निदेशक श्री मायामृग ने आज फोन पर सूचित किया कि किताब प्रकाशित होकर आ गयी है, कल कूरियर से कोलकाता रवाना कर दी जायेगी। मुझे उसका बेसब्री से इन्तजार है, यदि आप जयपुर रहते हैं तो मुझसे पहले देख सकते हैं। मुझे तो बस अभी इन्तजार करना है दो तीन दिन। आज ही आगरा, अमर उजाला से श्री हिमांशु त्रिपाठी का फोन आया था किताब कब आ रही है, और पिछले हफ्ते वहीं से श्री सुखविन्दर पाल सिंह चड्ढा का फोन आया था। दोस्तों में भी बेकरारी है , यह जानकर अच्छा लगा। इस बीच हिन्दुस्तान, भागलपुर से श्री राजेश रंजन और हरिभूमि,हरियाणा से श्री सतीश श्रीवास्तव और प्रभात खबर, नयी दिल्ली से श्री रंजन राजन भी कविता संग्रह के बारे में पूछा तो लगा कि अच्छा किया मैंने जो इस संग्रह को कुछ दोस्तो के नाम समर्पित किया है।
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2 टिप्पणियां:
सादर बधाईयाँ....
अब तक तो आपको किताब के दीदार हो गए होंगे, यानी इंतज़ार ख़त्म। बधाई और शुभकामनाएं अभिज्ञात जी। - नीलम अंशु
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