भारतीय भाषा परिषद की ओर से व्यंग्य पर आयोजित परिचर्चा के दौरान डॉ.अभिज्ञात, जितेन्द्र जीतांशु, रावेल पुष्प डॉ.बाबूलाल शर्मा, अगम शर्मा, एस.आनंद एवं अन्य। छायाचित्र साभारः रावेल पुष्प के फेसबुक से |
पुस्तकों का प्रकाशन विवरण
- लेखकों के पत्र
- कहानी
- तीसरी बीवी
- कला बाज़ार
- दी हुई नींद
- वह हथेली
- अनचाहे दरवाज़े पर
- आवारा हवाओं के ख़िलाफ चुपचाप
- सरापता हूं
- भग्न नीड़ के आर पार
- एक अदहन हमारे अन्दर
- खुशी ठहरती है कितनी देर
- मनुष्य और मत्स्यकन्या
- बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई
- कुछ दुःख, कुछ चुप्पियां
- टिप टिप बरसा पानी
- मुझे विपुला नहीं बनना
- ज़रा सा नास्टेल्जिया
- कालजयी कहानियांः ममता कालिया
- कालजयी कहानियांः मृदुला गर्ग
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