कोलकाता : सिटी आर्ट फाउंडेशन के सहयोग से सिटी आर्ट फैक्ट्री की ओर से भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद (आईसीसीआर) के अवनिंद्रनाथ टैगोर हाल में आयोजित सामूहिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन बुधवार की शाम कोलकाता में नेपाल के महावाणिज्यदूत चंद्र कुमार घिमिरे ने किया। उन्होंने इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कलाकार दुनिया को बेहतर बनाने में जुटे रहते हैं। दुनिया को कलाकार की आंख से देखने और उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कलाकारों ने मनुष्यता को जीवित रखा है। उन्होंने कहा कि उनकी कई कविताओं की प्रेरणा चित्रकला रही है। इस अवसर पर उन्होंने अपनी एक नेपाली कविता के कुछ अंश भी सुनाए। कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर साहित्यकार व कला समीक्षक डॉ.अभिज्ञात ने भी सम्बोधित किया। सिटी आर्ट फैक्ट्री के संस्थापक एवं क्यूरेटर शांतनु राय ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि यह संस्था कलाकार को उचित प्लेटफार्म देने में जुटी है। उसने अब तक प्रसिद्ध आर्ट गैलरियों, पांच सितारा होटलों, रिसोर्ट एवं विभिन्न कार्यशालाओं में कलाकारों को अपनी कृतियों के प्रदर्शन का मंच दिया है। इसके पूर्व श्री घिमिरे ने 25 कलाकारों की पेंटिंग्स एवं मूर्तिकला का अवलोकन किया। डॉ.हृदय नारायण सिंह की पेंटिंग 'दि नेचर' एवं 'दि विमेन' यहां प्रदर्शित है। साथ ही आशीष कुमार, देबदास मजूमदार, संजय घोष, प्रशांत कुमार बसु, उत्पल दास, माला भट्टाचार्य, कल्याण बोस, अभिजीत बोस, उमा कलमाल, देवजानी दीक्षित, मानस मंडल, देवाशीष पाल, प्रातिक चट्टोपाध्याय, कंचन मिस्त्री, संचिता सेन, सौमेन कर, सुमंत नायक, मनीषा दास, सुफिया खातून आदि की कलाकृतियां प्रदर्शित हैं। यह प्रदर्शनी 27 जनवरी तक चलेगी। इस कलर स्पैश -3 नाम दिया गया है।
पुस्तकों का प्रकाशन विवरण
- लेखकों के पत्र
- कहानी
- तीसरी बीवी
- कला बाज़ार
- दी हुई नींद
- वह हथेली
- अनचाहे दरवाज़े पर
- आवारा हवाओं के ख़िलाफ चुपचाप
- सरापता हूं
- भग्न नीड़ के आर पार
- एक अदहन हमारे अन्दर
- खुशी ठहरती है कितनी देर
- मनुष्य और मत्स्यकन्या
- बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई
- कुछ दुःख, कुछ चुप्पियां
- टिप टिप बरसा पानी
- मुझे विपुला नहीं बनना
- ज़रा सा नास्टेल्जिया
- कालजयी कहानियांः ममता कालिया
- कालजयी कहानियांः मृदुला गर्ग
1/23/2014
दुनिया को कलाकारों की निगाह से देखने की जरूरत:घिमिरे
कोलकाता : सिटी आर्ट फाउंडेशन के सहयोग से सिटी आर्ट फैक्ट्री की ओर से भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद (आईसीसीआर) के अवनिंद्रनाथ टैगोर हाल में आयोजित सामूहिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन बुधवार की शाम कोलकाता में नेपाल के महावाणिज्यदूत चंद्र कुमार घिमिरे ने किया। उन्होंने इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कलाकार दुनिया को बेहतर बनाने में जुटे रहते हैं। दुनिया को कलाकार की आंख से देखने और उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कलाकारों ने मनुष्यता को जीवित रखा है। उन्होंने कहा कि उनकी कई कविताओं की प्रेरणा चित्रकला रही है। इस अवसर पर उन्होंने अपनी एक नेपाली कविता के कुछ अंश भी सुनाए। कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर साहित्यकार व कला समीक्षक डॉ.अभिज्ञात ने भी सम्बोधित किया। सिटी आर्ट फैक्ट्री के संस्थापक एवं क्यूरेटर शांतनु राय ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि यह संस्था कलाकार को उचित प्लेटफार्म देने में जुटी है। उसने अब तक प्रसिद्ध आर्ट गैलरियों, पांच सितारा होटलों, रिसोर्ट एवं विभिन्न कार्यशालाओं में कलाकारों को अपनी कृतियों के प्रदर्शन का मंच दिया है। इसके पूर्व श्री घिमिरे ने 25 कलाकारों की पेंटिंग्स एवं मूर्तिकला का अवलोकन किया। डॉ.हृदय नारायण सिंह की पेंटिंग 'दि नेचर' एवं 'दि विमेन' यहां प्रदर्शित है। साथ ही आशीष कुमार, देबदास मजूमदार, संजय घोष, प्रशांत कुमार बसु, उत्पल दास, माला भट्टाचार्य, कल्याण बोस, अभिजीत बोस, उमा कलमाल, देवजानी दीक्षित, मानस मंडल, देवाशीष पाल, प्रातिक चट्टोपाध्याय, कंचन मिस्त्री, संचिता सेन, सौमेन कर, सुमंत नायक, मनीषा दास, सुफिया खातून आदि की कलाकृतियां प्रदर्शित हैं। यह प्रदर्शनी 27 जनवरी तक चलेगी। इस कलर स्पैश -3 नाम दिया गया है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें