2/13/2012

बांग्ला फ़ीचर फिल्म में डॉ.अभिज्ञात का अभिनय व हिन्दी कविता


नेचर पार्क में बांग्ला फिल्म "एक्सपोर्टः मिथ्या किन्तु सत्य" के एक दृश्य में बाएं से डॉ.अभिज्ञात पुलक देव








नेचर पार्क में बांग्ला फिल्म "एक्सपोर्टः मिथ्या किन्तु सत्य" के सेट पर बाएं से डॉ.अभिज्ञात, समीर बनर्जी पुलक देव









कोलकाताः भ्रूण के निर्यात जैसे गंभीर विषय को पूरी शिद्दत से उठाने वाली बांग्ला फ़ीचर फ़िल्म "एक्सपोर्टः मिथ्या किन्तु सत्य" में हिन्दी के सुपरिचत कवि-पत्रकार डॉ.अभिज्ञात ने अभिनय किया है। इस फिल्म में न सिर्फ़ उन्होंने एक कवि की भूमिका निभाई है बल्कि स्वयं अपनी हिन्दी कविता सुनाई है। अपने नये कवि संग्रह 'खुशी ठहरती है कितनी देर' में संग्रहित कविता 'करतूतें' का कुछ अंश उन्होंने इसमें पढ़ा है। सोमवार 13 फरवरी 2012 को कोलकाता के 'नेचर पार्क' में उन्होंने फिल्म की अपनी शूटिंग पूरी की। अपने छात्र जीवन में डॉ.अभिज्ञात रंगमंच से जुड़े थे और उस दौर में उन्होंने अभिनय और नाट्य निर्देशन किया था। उसके कुछ वर्ष बाद उन्होंने एक बांग्ला धारावाहिक 'प्रतिमा' में अभिनय किया था और एक डॉक्टर की भूमिका निभाई थी। अब वे स्वयं अपने चरित्र को ही बड़े परदे पर साकार कर रहे हैं।
फिल्म का विवरण इस प्रकार है-फिल्म बी आइडियल की प्रस्तुति, प्रोड्यूसर-प्रसन्न कुमार राय, कहानी, स्क्रिप्ट और निर्देशन-समीर बनर्जी। अभिनयः शुभाशीष मुखर्जी, अरुण मुखर्जी, स्वागत, पुलकिता घोष, विश्वजीत चक्रवर्ती, महेश कौशिक, चंद्रचूर, पूजा बनर्जी, डॉ।अभिज्ञात, पुलक देव। प्रोडक्शन टीमः चीफ असिस्टेंट डायरेक्टर-अरुणांशु चौधरी, असिस्टेंट डाय़रेक्टर-प्रतीति घोष, स्वपन नंदी, अरनब साह, समीर राय, सिनेमेट्रोग्राफी-विनोद गौतम, एडिटिंग-कृष्णा कान्त पाल, आर्ट डायरेक्टर-मानिक भट्टाचार्य, संगीत-राजा राय। कुल दो रवीन्द्र संगीत-जाते जाते एकला पथे व जा हासिए जाय। दोनों की गायिका जया विश्वास। फ़िल्म की शूटिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। कुछ दिन की शूटिंग और बची है।

1 टिप्पणी:

Brajesh ने कहा…

issi bahane bahumukhi pratibha ke dhani Dr. avijat ka ek aur pahalu unke prasansakon ke bich hoga