पुस्तकों का प्रकाशन विवरण
लेखकों के पत्र
कहानी
तीसरी बीवी
कला बाज़ार
दी हुई नींद
वह हथेली
अनचाहे दरवाज़े पर
आवारा हवाओं के ख़िलाफ चुपचाप
सरापता हूं
भग्न नीड़ के आर पार
एक अदहन हमारे अन्दर
खुशी ठहरती है कितनी देर
मनुष्य और मत्स्यकन्या
बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई
कुछ दुःख, कुछ चुप्पियां
टिप टिप बरसा पानी
मुझे विपुला नहीं बनना
ज़रा सा नास्टेल्जिया
कालजयी कहानियांः ममता कालिया
कालजयी कहानियांः मृदुला गर्ग
10/29/2014
सामूहिक कला प्रदर्शनी देखने आप भी पधारें
समकालीन चित्रकला के मिजाज को समझने के लिए हम 20 कलाकारों की इस सामूहिक कला प्रदर्शनी में आप भी पधारें..मैं इसमें अपनी पांच पेंटिंग्स रखने की सोच रहा हूं..
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