पुस्तकों का प्रकाशन विवरण
- लेखकों के पत्र
- कहानी
- तीसरी बीवी
- कला बाज़ार
- दी हुई नींद
- वह हथेली
- अनचाहे दरवाज़े पर
- आवारा हवाओं के ख़िलाफ चुपचाप
- सरापता हूं
- भग्न नीड़ के आर पार
- एक अदहन हमारे अन्दर
- खुशी ठहरती है कितनी देर
- मनुष्य और मत्स्यकन्या
- बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई
- कुछ दुःख, कुछ चुप्पियां
- टिप टिप बरसा पानी
- मुझे विपुला नहीं बनना
- ज़रा सा नास्टेल्जिया
- कालजयी कहानियांः ममता कालिया
- कालजयी कहानियांः मृदुला गर्ग
12/14/2010
उस्ताद अब्दुल राशिद खान का जादू
कोलकाताः आज की दोपहर दिलचस्प और महत्वपूर्ण रही। जयपुर के पत्रकार मित्र डॉ.दुष्यंत ने 102 साल के उस्ताद अब्दुल राशिद खान पर एक राइटअप मांगा सो इसी बहाने अकबर के नौ रत्नों में से एक तानसेन की 24 पीढ़ी के इस गायक से मुलाकात हुई। संगीत रिसर्च एकेडमी के इस संगीत गुरु से सवा घंटे की मुलाकात यादगार रही। जिसने भी सुना है वह जानता है कि ग्लालियर घराने के इस गायक का जादू सिर चढ़कर बोलता है। जानकर हैरत होती है कि दो हजार से अधिक बंदिशें उन्होंने खुद लिखी हैं उनकी धुन भी तैयार की है, जिनकी रिकार्डिंग की जा चुकी है।।
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1 टिप्पणी:
ऐसे समर्पित कला साधक को नमन !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
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