12/20/2011

तुम्हारा साथ रहे तो नर्क तक की यात्रा भी सुखद रहेगी-अदम गोंडवी

अदम गोंडवी की मौत की खबर सदमा देने वाली है। उस मनहूस सुबह यह खबर मुझे सबसे पहले जयपुर से लेखक-पत्रकार मित्र चंडीदत्त शुक्ल ने दी। जिस सांकेतिक भाषा में वह एसएमएस था उससे मुझे सिर्फ यह लगा कि उनकी सेहत को लेकर चिन्तित हैं और सरकार-गैरसरकारी सुविधाओं की कमी उन्हें खल रही हैं। सन्मार्ग के दफ्तर पहुंचा तो भाषा व वार्ता दोनों पर उनकी मौत की खबर थी। वे एक क्रांतिकारी शायर थे लेकिन व्यक्तित्व में उतने ही मोहक आत्मीय और सादगीपसंद। उनसे कुछेक मुलाकातें हैं और विदिशा से लेकर कोलकाता तक संग साथ की यादें। फिलहाल उनका एक पत्र आपसे शेयर कर रहा हूं आग उगलने वाले शायर के कोमल भावों को व्यक्त करता है। उन पर और बातें जल्द...
5 अप्रैल 1992
प्रिय भाई,
आपने कभी लिखा था-क्यों अच्छे लगते हो केदारनाथ सिंह। अब उसे मूर्त रूप देते हुए लगभग 50-60 पेज पृष्ठों में समायोजित करके मेरे पास भेज दीजिए। यहां अवध विश्वविद्यालय कुछ कवियों पर एक लेख माला छपवा रहा है उसका संपादन मेरे मित्र प्राध्यापक श्री जयनारायण बुधवार कर रहे हैं। मैंने उनसे वादा कर लिया है कि केदार जी पर आप लिखेंगे। लेख धांसू होना चाहिए एकदम कलेजा फाड। मई के पहले सप्ताह तक भेज दें कृपा होगी।
मैंने पहले भी कहा था शांतिनिकेतन या पुरी के लिए कार्यक्रम बनाइए। वैसे तुम्हारा साथ रहे तो नर्क तक की यात्रा भी सुखद रहेगी।
आटा- परसपुर, गोण्डा, उत्तर प्रदेश

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