पुस्तकों का प्रकाशन विवरण
- लेखकों के पत्र
- कहानी
- तीसरी बीवी
- कला बाज़ार
- दी हुई नींद
- वह हथेली
- अनचाहे दरवाज़े पर
- आवारा हवाओं के ख़िलाफ चुपचाप
- सरापता हूं
- भग्न नीड़ के आर पार
- एक अदहन हमारे अन्दर
- खुशी ठहरती है कितनी देर
- मनुष्य और मत्स्यकन्या
- बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई
- कुछ दुःख, कुछ चुप्पियां
- टिप टिप बरसा पानी
- मुझे विपुला नहीं बनना
- ज़रा सा नास्टेल्जिया
- कालजयी कहानियांः ममता कालिया
- कालजयी कहानियांः मृदुला गर्ग
2/18/2025
अभिज्ञात के कहानी संग्रह 'मनुष्य और मत्स्यकन्या' के लोकार्पण के अवसर पर सम्बोधित करते डॉ.ऋषि भूषण चौबे
'भारतीय भाषा परिषद' कोलकाता में 31 जनवरी 2915 को अभिज्ञात के कहानी संग्रह 'मनुष्य और मत्स्यकन्या' का लोकार्पण प्रख्यात चिन्तक एवं शिक्षाविद् प्रो.डॉ.पल्लव सेनगुप्त ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बांग्ला के नामचीन कथाकार डॉ.रामकुमार मुखोपाध्याय। ने की। इस अवसर पर मुखोपाध्याय ने 'रवीन्द्रनाथ टैगोर के मृत्यु एवं परामृत्यु दर्शन' विषय पर व्याख्यान दिया। समारोह में इस कहानी संग्रह की एक कहानी 'इस तरह से आती है मौत' व कहानियों पर चर्चा करते डॉ.ऋषिभूषण चौबे। डॉ. शंभुनाथ ने भी इस संग्रह की कहानियों की चर्चा की।
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