12/01/2008

मीडिया और कला बाजार

http://bhadas4media.com/index.php/sukh-dukh/29-2008-06-19-11-03-13/728-media-award से साभारः
कोलकाता से मिली खबर के मुताबिक दैनिक सन्मार्ग के वरिष्ठ उप संपादक अभिज्ञात द्वारा लिखित उपन्यास 'कला बाजार' का लोकार्पण शनिवार को कवि केदारनाथ सिंह और आलोचक विजय बहादुर सिंह ने किया। अभिज्ञात ने बताया कि अमृतसर में रिपोर्टिंग के दौरान उनके मन में इस उपन्यास का खाका तैयार हुआ था। वे उन दिनों 'अमर उजाला' में कार्यरत थे। इस अखबार के एक स्तम्भ 'पड़ाव' के लिए उन्होंने लगभग दो दर्जन ऐसे लोगों से बात की थी जो देश के विभाजन के बाद उस हिस्से के पंजाब से इस पार आये थे। वह हिस्सा विभाजन के बाद पाकिस्तान में चला गया। उस समय उन्होंने जो कुछ सहा और जिया, वह इस उपन्यास में आया है। अभिज्ञात के मुताबिक अमृतसर से जालंधर जब डेस्क पर बुला लिया गया तो उन्होंने जालंधर में ही यह उपन्यास पूरा किया। उसके बाद वे वेबदुनिया डाट काम इंदौर, दैनिक जागरण जमशेदपुर होते हुए कोलकाता सन्मार्ग लौटे। सात साल लगे उन्हें प्रकाशक तलाशने में। इस उपन्यास में उन्होंने विभिन्न कलाओं के बाजार का हिस्सा होने की जोड़तोड़ को निशाना बनाया है।

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