2/25/2010

मेरा पहला कहानी संग्रह: तीसरी बीवी



दोस्तो, मेरा पहला कहानी संग्रह 'तीसरी बीवी' शिल्पायन प्रकाशन, नयी दिल्ली ने प्रकाशित किया है। नयी दिल्ली में विश्व पुस्तक मेले में यह पुस्तक एक फरवरी 2010 को आ गयी थी। यह किताब मुझ तक प्रकाशन के लगभग एक माह देर से पहुंची। अलबत्ता सुपरिचित चित्रकार डॉ.लाल रत्नाकर जी ने पुस्तक की यह तस्वीर बुक फेयर में किताब पाने के बाद उपलब्ध करायी थी, जिनकी पेंटिंग 'सृजन' का इस्तेमाल इस पुस्तक का मुखपृष्ठ बनाने के लिए किया गया है। आपसे भी शेयर कर रहा हूं।
इस पुस्तक में मेरी 25 कहानियां हैं जो कुल 120 सफों में समा गयी हैं क्योंकि कुछ का आकार छोटा है। कुछ कहानियां तो मैंने अपने लेखन के शुरुआती दौर में भी लिखीं थीं किन्तु जल्द ही कविता को तरजीह देने लगा था अब फिर कहानी की ओर भी मु़ड़ा हूं। जिसका गवाह यह संग्रह है जिसमें ज्यादातर पिछले तीन साल में लिखी गयी कहानियां ही हैं।

2 टिप्‍पणियां:

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

बहुत-बहुत बधाई आपको ......!!

पढने की जिज्ञासा है ......!!

डॉ.अभिज्ञात ने कहा…

प्रिय अभिज्ञात जी,

कहानियों की पुस्तक तीसरी बीबी के प्रकाशन पर हार्दिक बधाई. कृति साहित्य जगत में अपनी खास पहचान बनाए, यही दिली कामना है.

बलॉग पर आपके लिखे ने जहाँ रचनाओं के पुस्तकाकार होने की खुशख़बर दिया, वहीं इस बात की तकलीफ भी कि ऐसा क्या कि रचनाएँ छपकर मेले और बाज़ार में तथा लोगों तक जा पहुँचें, पर रचनाकार को मयस्सर नहीं कि देख सके वह इसका निखार. प्रकाशकों का यह रवैया किस कारण - समझ में नहीँ आता. डॉं वंदना मिश्र (मिर्जापुर) से भी ऐसा ही कुछ सुनने को मिला कि उनका कविता संग्रह शिल्पायन ने छाप कर दिल्ली पुस्तक मेले में स्टॉल पर रख दिया, पर इसकी छपने की सूचना वंदना जी को नहीं. पता नहीं ऐसा कुछ प्रकाशकों द्वारा आजकल क्यों.

बहरहाल, पुस्तक के प्रकाशन पर पुनः बधाई.

आपका

प्रभात पाण्डेय

(कारण कि ब्लॉग पर सीधे लिखना नहीं जानता, यह मेल दे रहा हूँ. चाहें तो इसको अपने ब्लॉग पर पेस्ट कर दें)

prabhat_lucknow@yahoo.co.in