पुस्तकों का प्रकाशन विवरण
लेखकों के पत्र
कहानी
तीसरी बीवी
कला बाज़ार
दी हुई नींद
वह हथेली
अनचाहे दरवाज़े पर
आवारा हवाओं के ख़िलाफ चुपचाप
सरापता हूं
भग्न नीड़ के आर पार
एक अदहन हमारे अन्दर
खुशी ठहरती है कितनी देर
मनुष्य और मत्स्यकन्या
बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई
कुछ दुःख, कुछ चुप्पियां
टिप टिप बरसा पानी
मुझे विपुला नहीं बनना
ज़रा सा नास्टेल्जिया
कालजयी कहानियांः ममता कालिया
कालजयी कहानियांः मृदुला गर्ग
5/30/2012
मेरी नयी पेंटिंग फैंसी
दोस्तो मेरी नयी पेंटिंग'Fancy'आज पूरी हो गयी। इसका आकार 24x24 इंच है। यह एक्रेलिक से कैनवास पर बनी है। मेरी अगली एकल प्रदर्शनी में यह अवश्य होगी। इसकी एक झलक देखें-
1 टिप्पणी:
उपेन्द्र नाथ
ने कहा…
beautiful.......
सोमवार, 18 जून, 2012
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1 टिप्पणी:
beautiful.......
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