देशभक्ति गीत/-डॉ.अभिज्ञात |
जो पूछे जान किसकी है, कहोगे मातृभूमि की !
तरक्कियों की सीढ़ियाँ, गढ़ोगे मातृभूमि की!
मातृभूमि प्यारी है, जहां में सबसे न्यारी है
इसलिए तो जान उसपे देने की तैयारी है।।
इसलिए तो जान उसपे देने की तैयारी है।।
युद्ध के समय अगर पुकारें माता भारतीl
जवान बेटे ख़ुद कहें उतारो मेरी आरती l
हो काफ़िलों पे काफ़िलों का अन्तहीन सिलसिला l
कफ़न को ओढ़ दुश्मनों पे टूटने का हौसलाl
तुम स्वाभिमानी हार ना, सहोगे मातृभूमि की !!
हो शांतिदूत विश्व के, यही तुम्हारी अस्मिताl
विपत्तियों को रोक ले, वही है सच्ची वीरताl
डरो नहीं हटो नहीं, हो कोई बाधा सामनेl
तुम्हारा कीर्ति पथ वही, जिसे चुना था राम नेl
तुम संस्कृति की बन नदी बहोगे मातृभूमि की !!
जवान बेटे ख़ुद कहें उतारो मेरी आरती l
हो काफ़िलों पे काफ़िलों का अन्तहीन सिलसिला l
कफ़न को ओढ़ दुश्मनों पे टूटने का हौसलाl
तुम स्वाभिमानी हार ना, सहोगे मातृभूमि की !!
हो शांतिदूत विश्व के, यही तुम्हारी अस्मिताl
विपत्तियों को रोक ले, वही है सच्ची वीरताl
डरो नहीं हटो नहीं, हो कोई बाधा सामनेl
तुम्हारा कीर्ति पथ वही, जिसे चुना था राम नेl
तुम संस्कृति की बन नदी बहोगे मातृभूमि की !!
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