7/08/2019

इच्छाएं कविता-सुतपा सेनगुप्ता

इच्छाएं
कविता-सुतपा सेनगुप्ता
बांग्ला से हिन्दी अनुवाद-डॉ.अभिज्ञात

किनारे लगने के लिए तट चाहिए, दो हाथों को शक्ति चाहिए चैतन्यबाहु के लिए
समुद्र का गर्जन चाहिए, आकाश से लड़कर उसे नीचे उतारने के लिए
हवा में तैरता मेघ चाहिए, चाहिए वर्षा और आंधी के बीच बिजली की आंखमिचौली
खेल चाहिए, संयम का कोलाहल और पीछे चाहिए एक विपणन बाक्स
पड़े रहने के लिए चाहिए खुले फीते, नट बोल्ट और गोदाम
यह सब इकट्ठा करके दौडऩे के पहले उलट जाना चाहिए
बांसुरी की तान चाहिए और बसंत के उद्यान की हवा

पतझड़ के पत्तों की हंसी चाहिए एक बार आग के लिए
आने जाने वाली शाम के लिए चाहिए चीनी में लिपटा विष
विष चाहिए औषधि के पात्र में
चुम्बन चाहिए वृद्धावास की झुर्रियों के झरने के किनारे
गोद में झुका सिर चाहिए
गोद भरने के लिए चाहिए एक अनाथ बच्चा
पसीना चाहिए, कपड़ा चाहिए, ओढऩा चाहिए, विधवा का परिधान चाहिए
और चाहिए कम्बल का सूत
चाहिए साधुओं का संग, गृह का परित्याग
ईश्वर के इर्द-गिर्द चाहते हैं रोना और हंसना
प्रेमी के रक्तिम नैन चाहिए चाहिए
चाहिए उसके होठों का आधार
चाहिए लगंड़ा-लूला जगन्नाथ
और चाहिए काम से कातर युवक
चाहिए प्रह्लाद, जगन्नाथ चाहिए
चाहिए छात्र, एक पागल की डायरी.. जिसे किशोर छात्र पढ़ सकें


बीच से टूटे सेब के बीज का कण चाहिए, इंद्रियों की खुल चुकी रस्सी
समूह गणित तत्व, तस्वीह माला में गुंथा एक क्षण को श्वास रुद्ध करने वाला जादू
खुले इस्पात की भ्रांति चाहिए एक बार अंतत: एक बार गिरकर उठने से पहले
फेंकने से पहले उसके लिए आंख इन हाथों को अंकित करके जाना चाहता हूं
परिचित गंध चाहिए, फर्श के बीच देखते ही कमल के फूल खिलने चाहिए
होली चाहिए, पूर्णिमा चाहिए, ढोल करताल बचाकर दूसरों को चिढ़ाने गीत चाहिए
जैसे दिल से दिल मिल जाने पर आवाज आती है गुननन गुनगुन गुनगुन
विपत्त्ती के संकेत तोड़कर बचना चाहिए
नर्म हथेली पर चाहिए ताजा खोई


समझना और जानना है
कितनी रातों तक पार करना होगा इस जमुना का जल
जल का भी आधार चाहिए, रंग भी चाहिए
ये ना होता तो एक ढंग से किंवदंती चाहिए
कृष्णकान्हा राधे राधे का कलरव चाहिए
धूल चाहिए, अमृत चाहिए, पलाश के पत्र चाहिए
टूटी हुई कलसी के बाद, जिधर देखना नहीं, उधर देखना चाहती हूं
जन्मांध की गाली चाहिए
निरुपाय किशोर का उत्तरीय फट जाना चाहिए
उसको बोने लायक मिट्टी चाहिए
बिल्ली की नाखूनों जैसे तीक्ष्ण और चौड़े पंजों जैसा समय और कालबिन्दु चाहिए

चाहिए शहर से सस्ता छाते जैसा एक गुच्छा काव्य से उपेक्षित
दिमाग खराब कर दे ऐसा कहानी, असंख्य कांसफूलों से भरी लम्बी-लम्बी रेल लाइनों का निमंत्रण
चाहिए अपू और यौनहीन नारियों के दुर्गामंडप के सामने स्तुति
चाहिए चाहिए आवाज को बंद करने के लिए भात, रोटी, कपड़ा और मकान
चाहिए मंड़ई के पास थोड़ी जगह धूप और प्रेम प्रेमिकाओं के आलिंगन के लिए
चाहिए अवैध संतान का अहंकार, चाहिए जरी के बदले असली सोना
चाहिए सोना सोना सोने के लिए पागलपन की हद तक दीवानगी
चाहते हैं डेस्डिमोना की तरह मौत

चाहती हूं सती की तरह शिवनिंदा सुनकर देहत्याग को तत्पर होना
चाहती हूं मीरा के भजनों के प्रति आसक्ति
चाहती हूं क्लियोपेट्रा होना
चाहिए कैस्बियंका के अंतिम विश्वास से भरा प्राणों को दग्ध करने वाला आश्र्चय का एक जहाज
चाहिए जहाज, पृथ्वी, नीलग्रह, विश्वदेश
चाहिए एक जहाज प्रेम के लिए, छोटा एक कोलाज जो ठहरा हुआ हो
एक दो बूंद दुख
आंखों की कुछ पलकें
जूही के फूल के श्वांस की तरह
एक दो बार
कांप उठना
चाहती हूं।

-Dr.Abhigyat


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