अभिज्ञात

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  • बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई

5/06/2017

बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई की समीक्षा


Posted by डॉ.अभिज्ञात
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डॉ.अभिज्ञात
कोलकाता, पश्चिम बंगाल, India
वास्तविक नामः डॉ.हृदय नारायण सिंह। जन्म-1962, ग्राम-कम्हरियां, ज़िला-आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश। शिक्षा-हिन्दी में कलकत्ता विश्वविद्यालय से पीएच-डी। प्रकाशित कविता संग्रह-एक अदहन हमारे अन्दर, भग्न नीड़ के आर-पार, सरापता हूं, आवारा हवाओं के ख़िलाफ़ चुपचाप, वह हथेली, दी हुई नींद, खुशी ठहरती है कितनी देर, बीसवीं सदी की आख़िरी दहाई। उपन्यास-अनचाहे दरवाज़े पर, कला बाज़ार। कहानी संग्रह-तीसरी बीवी, मनुष्य और मत्स्यकन्या। रचनाएं कई भारतीय भाषाओं व अंग्रेज़ी में अनूदित। भोजपुरी में भी लेखन। आकांक्षा संस्कृति सम्मान, कादम्बिनी लघुकथा पुरस्कार-2007, कौमी एकता अवार्ड, अम्बेडकर उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान, राजस्थान पत्रिका सृजनात्मक साहित्य सम्मान, कबीर सम्मान। पेंटिंग में भी गति। हिन्दी फ़ीचर फिल्म दि जर्नी के अलावा बांग्ला फ़ीचर फिल्मों 'एक्सपोर्टः मिथ्या किन्तु सत्ती', 'महामंत्र', 'एका एवं एका' तथा धारावाहिक 'प्रतिमा' में अभिनय। पेशे से पत्रकार। जनसत्ता, अमर उजाला, वेबदुनिया डाट काम, दैनिक जागरण के बाद सम्प्रति सन्मार्ग दैनिक में डिप्टी न्यूज़ एडिटर। पता-फैंसी बाज़ार,6 स्टेशन रोड, 3रा फ्लोर, टीटागढ़, कोलकाता-700119 फ़ोन-09830277656 ई मेल-abhigyat@gmail.com
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